Tuesday, October 4, 2016

Destiny

ज़िंदगी लंबी लगने लगी है पर वक़्त बहोत कम है, 
दिल-ए-आरज़ू में अब भी कितने खम है|
होता अगर तो पूरे करता वह हर एक ख्वाब, 
अफ़सोश अपनी किस्मत भी इन आँखों की तरह नम है |

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