Tuesday, August 1, 2017

En-route to Destiny

हम फकिरो की क़िस्मत ही ऐसी, रास्ते जो भी मिले काँटों भरी मिले,
जो निकले मंज़िल-ए-तलाश में , सफ़र में सिर्फ़ आह-ओ-ज़ारी  मिले |

Potka Centre

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