ये ना सोंच की तेरी खुशी में मैं शामिल नही, बस तुझसे इज़हार करने के मैं काबिल नही | गम खुशी, वस्ल हिज्र का बोसा है ज़िंदगी, ये मेरी बदक़िस्मती की तू मुझे हाँसिल नही |
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