रुह को चैन इस दिल को थोड़ी राहत मिले काश हमें भी तो किसी की चाहत मिले नाशना हो गए है इस बुत परस्ती से अब ईल्तजा इतनी है कि उनकी इबादत मिले
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इबादत खुदा की करोगे तो फना हो जाओगे ,
इस बुतपरस्ती से काफ़िर ही कहलाओगे |
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